Sunday, October 21, 2018

पीरियड्स बनाम सबरीमाला

सबरीमाला मन्दिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हंगामा बरपा हुआ है। स्थिति ये है कि आंदोलन की सूत्रधार रेहाना फ़ातिमा ने मंदिर में अपनी इस्तेमाल की हुई सेनिटरी पैड भगवान अयप्पा को चढ़ाने का प्रयास कर रही थी। मन्दिर में महिलाओं को प्रवेश दिलाने के आंदोलन की वजाय महिलाओं की स्वच्छता और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए सभी को आगे बढ़कर काम करना चाहिए। स्वच्छता तो जीवन का अंग है उसे अपनाने से कौन रोक सकता है। जो लोग मन्दिर में प्रवेश को लेकर आंदोलन कर रहे हैं उन्हें इन मुद्दों पर लड़ाई लड़नी चाहिए। महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहिए। एक मंदिर में प्रवेश मिल जाने से क्या स्वच्छता आ जायगी? आज भी किसी दुकान में सेनिटरी पैड ख़रीदने जाओ तो काली प्लास्टिक और अखबार में ऐसे छिपाकर देते हैं जैसे बम खरीद रहे हों।जागरूकता पर वहां बल देने की जरूरत है। आज भी गांव की औरतें कपड़े का इस्तेमाल करती है उन्हें जागरूक करने की जरूरत है। इस विषय पर कोई खुलकर बात करना नहीं चाहता। मैंने इस मुद्दे पर कई स्कूलों में प्रशिक्षण दिया है लेकिन पढ़ी लिखी शिक्षिकाएं भी खुलकर बात करने से हिचकती है। जबतक लोग जागरूक नहीं होंगे सरकार की सारी कोशिशें बेकार होंगी। लोग बेवजह मन्दिर मस्जिद के मसले पर बवाल करते रहेंगे। असली मुद्दों पर किसी का ध्यान ही नहीं। महिला तब सशक्त होंगी जब हम उन्हें अपने घरों में ही सशक्त करेंगे। उन्हें उनका अधिकार देंगे।
पंकज प्रियम

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