1.शशिवदना
-दो चतुष्कल एक द्विकल
4 4 2
तुझको पाना है
दिल ने ठाना है
सबने जाना है
तुझको आना है।
2.गंग छंद
वर्णमात्रा--9
221 22
मन को न भाया
तन को न पाया
कुछ भी न बोलो
आँखे न खोलो।
3.रेवा छेह
वर्णमात्रा--11
222 221
सपना हो साकार।
सुखमय हो संसार।
लो जीवन में ठान।
सबमें बांटों प्यार।
4.छवि छंद
वर्णमात्रा --8
221 21
तन से फकीर
मन से अमीर
जग जीत जाय
सबको लुभाय।
🙏🙏🙏🙏
✍पंकज प्रियम