लफ़्ज समंदर
Thursday, July 9, 2020
854. भारत
भारत
मैं हूँ भारत का प्रियम, देश मेरा है भारत,
मेरी रग-रग में' मेरे दिल में बसा है भारत।
मन में गङ्गा की लहर, बाँध तिरंगा सर पे-
लड़ पड़ेगा यहाँ हर वीर, जवां है भारत।।
कवि पंकज प्रियम
जय हिंद
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