Thursday, July 23, 2020
1. बहरे कामिल मुसम्मन सालिममुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन11212 11212 11212 11212 ये चमन ही अपना वुजूद है इसे छोड़ने की भी सोच मतनहीं तो बताएँगे कल को क्या यहाँ गुल न थे कि महक न थी——————————————–2. बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बूनफ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन2122 1212 22 प्या ‘स’ को प्या ‘र’ करना था केवलएक अक्षर बदल न पाये हम——————————————–3. बहरे मज़ारिअ मुसम्मन मक्फ़ूफ़ मक्फ़ूफ़ मुख़न्नक मक़्सूरमफ़ऊल फ़ाइलातुन मफ़ऊल फ़ाइलातुन221 2122 221 2122 जब जामवन्त गरजा, हनुमत में जोश जागाहमको जगाने वाला, लोरी सुना रहा है ——————————————–4. बहरे मुजतस मुसमन मख़बून महज़ूफमुफ़ाइलुन फ़यलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन1212 1122 1212 22 भुला दिया है जो तूने तो कुछ मलाल नहींकई दिनों से मुझे भी तेरा ख़याल नहीं ——————————————–5. बहरे मज़ारिअ मुसमन अख़रब मकफूफ़ मकफूफ़ महज़ूफ़मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन221 2121 1221 212 क़िस्मत को ये मिला तो मशक़्क़त को वो मिलाइस को मिला ख़ज़ाना उसे चाभियाँ मिलीं ——————————————–6. बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिमफ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन122 122 122 कहानी बड़ी मुख़्तसर हैकोई सीप कोई गुहर है——————————————– 7. बहरे मुतकारिब मुसमन सालिमफ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन122 122 122 122 वो जिन की नज़र में है ख़्वाबेतरक़्क़ीअभी से ही बच्चों को पी. सी. दिला दें ——————————————–8. बहरे मुतक़ारिब मुसम्मन मक़्सूरफ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल122 122 122 12 इबादत की किश्तें चुकाते रहोकिराये पे है रूह की रौशनी ——————————————–9. बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिमफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन212 212 212 सीढ़ियों पर बिछी है हयातऐ ख़ुशी! हौले-हौले उतर ——————————————–10. बहरे मुतदारिक मुसम्मन अहज़ज़ु आख़िरफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ा212 212 212 2 अब उभर आयेगी उस की सूरतबेकली रंग भरने लगी है——————————————– 11. बहरे मुतदारिक मुसम्मन सालिमफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन212 212 212 212 जब छिड़ी तज़रूबे और डिग्री में जंगकामयाबी बगल झाँकती रह गयी ——————————————–12. बहरे रजज़ मख़बून मरफ़ू’ मुख़ल्लामुफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ऊलुन मुफ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ऊलुन1212 212 122 1212 212 22 बड़ी सयानी है यार क़िस्मत, सभी की बज़्में सजा रही हैकिसी को जलवे दिखा रही है कहीं जुनूँ आजमा रही है ——————————————–13. बहरे रजज़ मुरब्बा सालिममुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन2212 2212 ये नस्ले-नौ है साहिबोअम्बर से लायेगी नदी ——————————————–14. बहरे रजज़ मुसद्दस मख़बूनमुस्तफ़इलुन मुफ़ाइलुन2212 1212 क्या आप भी ज़हीन थे?आ जाइये – क़तार में ——————————————–15. बहरे रजज़ मुसद्दस सालिममुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन2212 2212 2212 मैं वो नदी हूँ थम गया जिस का बहावअब क्या करूँ क़िस्मत में कंकर भी नहीं ——————————————–16. बहरे रजज़ मुसम्मन सालिममुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन2212 2212 2212 2212 उस पीर को परबत हुये काफ़ी ज़माना हो गयाउस पीर को फिर से नयी इक तरजुमानी चाहिये ——————————————–17. बहरे रमल मुरब्बा सालिमफ़ाइलातुन फ़ाइलातुन2122 2122 मौत से मिल लो, नहीं तोउम्र भर पीछा करेगी ——————————————–18. बहरे रमल मुसद्दस मख़बून मुसककनफ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन2122 1122 22 सनसनीखेज़ हुआ चाहती हैतिश्नगी तेज़ हुआ चाहती है ——————————————–19. बहरे रमल मुसद्दस महज़ूफ़फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन2122 2122 212 अजनबी हरगिज़ न थे हम शह्र मेंआप ने कुछ देर से जाना हमें ——————————————–20. बहरे रमल मुसद्दस सालिमफ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन2122 2122 2122 ये अँधेरे ढूँढ ही लेते हैं मुझ कोइन की आँखों में ग़ज़ब की रौशनी है ——————————————–21. बहरे रमल मुसमन महज़ूफ़फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन2122 2122 2122 212 वह्म चुक जाते हैं तब जा कर उभरते हैं यक़ीनइब्तिदाएँ चाहिये तो इन्तिहाएँ ढूँढना ——————————————–22. बहरे रमल मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन2122 1122 1122 22 गोया चूमा हो तसल्ली ने हरिक चहरे कोउस के दरबार में साकार मुहब्बत देखी ——————————————–23. बहरे रमल मुसम्मन मशकूल सालिम मज़ाइफ़ [दोगुन]फ़यलात फ़ाइलातुन फ़यलात फ़ाइलातुन1121 2122 1121 2122 वो जो शब जवाँ थी हमसे उसे माँग ला दुबाराउसी रात की क़सम है वही गीत गा दुबारा ——————————————–24. बहरे रमल मुसम्मन सालिमफ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन2122 2122 2122 2122 कल अचानक नींद जो टूटी तो मैं क्या देखता हूँचाँद की शह पर कई तारे शरारत कर रहे हैं ——————————————–25. बहरे हज़ज मुसद्दस महजूफ़मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन ,1222 1222 122 हवा के साथ उड़ कर भी मिला क्याकिसी तिनके से आलम सर हुआ क्या ——————————————–26. बहरे हज़ज मुसद्दस सालिममुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन1222 1222 1222 हरिक तकलीफ़ को आँसू नहीं मिलतेग़मों का भी मुक़द्दर होता है साहब ——————————————–27. बहरे हजज़ मुसमन अख़रब मक्फ़ूफ मक्फ़ूफ मक्फ़ूफ महज़ूफ़ मफ़ऊल मुफ़ाईल मुफ़ाईल फ़ऊलुन221 1221 1221 122 आवारा कहा जायेगा दुनिया में हरिक सम्तसँभला जो सफ़ीना किसी लंगर से नहीं था ——————————————–28. बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुख़न्नक सालिममफ़ऊल मुफ़ाईलुन मफ़ऊल मुफ़ाईलुन221 1222 221 1222 हम दोनों मुसाफ़िर हैं इस रेत के दरिया केउनवाने-ख़ुदा दे कर तनहा न करो मुझ को ——————————————–29. बहरे हज़ज मुसम्मन अशतर मक़्फूफ़ मक़्बूज़ मुख़न्नक सालिमफ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन212 1222 212 1222 ख़ूब थी वो मक़्क़ारी ख़ूब ये छलावा हैवो भी क्या तमाशा था ये भी क्या तमाशा है ——————————————–30. बहरे हज़ज मुसम्मन अशतर मक़्बूज़, मक़्बूज़, मक़्बूज़फ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन212 1212 1212 1212 लुट गये ख़ज़ाने और गुन्हगार कोइ नईंदोष किस को दीजिये जवाबदार कोई नईं ——————————————–31. बहरे हज़ज मुसम्मन मक़्बूज़मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन1212 1212 1212 1212 गिरफ़्त ही सियाहियों को बोलना सिखाती हैवगरना छूट मिलते ही क़लम बहकने लगते हैं ——————————————–32बहरे हज़ज मुसम्मन सालिममुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन1222 1222 1222 1222 मुझे पहले यूँ लगता था करिश्मा चाहिये मुझकोमगर अब जा के समझा हूँ क़रीना चाहिये मुझको
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